सिकंदरपुर(बलिया)कस्बा स्थित क्षेत्र के चतुर्भुज नाथ मंदिर छठ घाट पर गुरुवार की दोपहर सफाई के दौरान दो पक्षों में विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ा कि दोनों ओर से ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे चलने लगे। घटना में कई लोग घायल हो गए, जबकि मंदिर परिसर और आस-पास के क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। सूचना मिलते ही सिकंदरपुर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, छठ पर्व की तैयारी के तहत कस्बे के चतुर्भुज नाथ मंदिर स्थित पोखरे की सफाई का कार्य चल रहा था। इसी दौरान स्थानीय निवासी राजू तुरेहा और अन्य लोग घाट की साफ-सफाई करा रहे थे। तभी कुछ लोगों द्वारा पोखरे में मछली मारने की कोशिश की जा रही थी। इसका विरोध करने पर कहा-सुनी शुरू हो गई और गाली-गलौज के साथ विवाद बढ़ गया। बताया जाता है कि विवाद शांत होने के बाद जब सफाई कराने वाले लोग मंदिर गेट की ओर लौट रहे थे, तभी दूसरे पक्ष ने घात लगाकर उन पर हमला कर दिया। अचानक हुए हमले में लाठी-डंडों और ईंट-पत्थरों का जमकर प्रयोग किया गया। दोनों ओर से हुए पथराव में कई लोग घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोगों ने बीच-बचाव किया और पुलिस को सूचना दी।
अस्पताल में भी हुई झड़प, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
घटना के बाद घायल पक्ष के कुछ लोग उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां भी दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई और झड़प शुरू हो गई। पुलिस ने तत्काल लाठी फटकार कर स्थिति को नियंत्रित किया। इस दौरान कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।
घायल राजू तुरेहा निवासी बढ्ढा ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह छठ घाट की सफाई कराने में जुटा था, तभी हरिजन समुदाय के कुछ लोग एकजुट होकर उस पर हमला कर बैठे। तहरीर में आधा दर्जननामजद सहित लगभग दर्जनों अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राणघातक हमले का आरोप लगाया गया है।
पीड़ित का आरोप है कि हमलावरों ने छत से पत्थरबाजी भी की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस दौरान मंदिर में मौजूद पुजारी को भी गंभीर चोटें आईं। वही दूसरे पक्ष से भी कुछ लोग घायल है उनके द्वारा भी तहरीर दिया गया है
प्रभारी निरीक्षक प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि मछली मारने को लेकर विवाद हुआ था। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शांति व्यवस्था कायम की। घटना में शामिल लोगों को चिन्हित किया जा रहा है। क्षेत्र में तनाव की स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है बिधिक कार्रवाई की जा रही है।
इनसेट
सूत्रों के अनुसार, घायलों के पहुंचने के बाद अस्पताल में काफी भीड़ एकत्र हो गई, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इस दौरान कई घायलों का नाम और पता अस्पताल रजिस्टर में दर्ज नहीं हो सका।वही स्थानीय लोगों का कहना है कि घायलों का विवरण दर्ज न किया जाना अस्पताल प्रशासन की लापरवाही है, क्योंकि ऐसे मामलों में मेडिकल रिकॉर्ड और पुलिस सूचना अनिवार्य होती है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर के अधीक्षक डॉ. दिग्विजय कुमार ने बताया कि सभी घायलों का इलाज किया गया। भीड़ अधिक होने के कारण नाम और पता दर्ज नहीं हो सका।
रिपोर्ट - जितेन्द्र राय

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