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सीएचसी सिकंदरपुर में धड़ल्ले से लिखी जा रही है बाहर की दवा

 

सीएचसी सिकंदरपुर में धड़ल्ले से लिखी जा रही है बाहर की दवा


सिकंदरपुर (बलिया)  एक तरफ प्रदेश सरकार अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर करने का प्रयास कर रही है वही अस्पताल के केंद्र प्रभारी द्वारा अन्य चिकित्सकों को बाहरी दवा लिखने से तो मना किया जाता है लेकिन खुद बाहरी दवा लिखने में प्रभारी द्वारा कोई परहेज नहीं किया जाता है और तो और सरकार द्वारा प्रतिबंधित दवाएं भी प्रभारी द्वारा पर्ची में लिखा जाता है।  ताजा उदाहरण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर का है जहां तैनात अधीक्षक डॉक्टर व्यास कुमार खुद शुक्रवार को एक मरीज को हजारों रुपए की बाहरी दवा की पर्ची मरीज को थमा दिए जब मरीज द्वारा यह पूछा गया कि डॉक्टर साहब अस्पताल में तो सभी दवाएं मौजूद है तो उनके द्वारा कहा गया कि अस्पताल के दवा से कोई मरीज ठीक नही होता है  बाहर की दवा खाओ तभी ठीक हो पाओगे मरिज द्वारा आरोप लगाया गया कि इतनी महंगी दवा  में नहीं खरीद सकता अगर अस्पताल में दवा नहीं है तो फिर क्यों बार-बार यह कहा जाता है कि सभी दवाएं उपलब्ध है। विगत दिनों जिलाधिकारी बलिया रविंद्र कुमार द्वारा भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर के औचक निरीक्षण के दौरान बाहरी दवा मरिज द्वारा ले जाते हुए पकड़ा गया था इसके बाद उनके द्वारा सख्त हिदायत दी गई थी लेकिन अधीक्षक डॉक्टर व्यास कुमार पर जिलाधिकारी का फरमान  का भी कोई असर नहीं है और उनके द्वारा बेरोकटोक  बाहर की  महंगी दवाएं लिखी जा रही हैं। वहीं अस्पताल में ही तैनात महिला संविदा चिकित्सक डॉ बबूनियार द्वारा भी मरीज को बाहर की महंगी दवाएं लिखी जा रही है जिसको लेकर मरीजों में आक्रोश व्याप्त है।

इनसेट.....

इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर के प्रभारी डॉक्टर व्यास कुमार ने कहा कि अस्पताल में किसी भी चिकित्सक के द्वारा बाहर की दवाई नहीं लिखी जा रही है ।रहा सवाल मेरे द्वारा लिखी गई पर्ची का है तो यह पुरानी पर्ची हो सकती है।यह मेरी राइटिंग नही है।



रिपोर्ट जितेंद्र कुमार राय

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