सिकन्दरपुर(बलिया)तहसील क्षेत्र सिकन्दरपुर के ड्हा गांव में स्थित प्राचीन श्री वनखण्डी नाथ (नागेश्वरनाथ महादेव) मठ के प्रांगण 11 दिसम्बर से आयोजित ऐतिहासिक 108 कुण्डीय कोटि होमात्मक अद्वैत शिवशक्ति राजसूय यज्ञ की पूर्ण सफलता हेतु विभिन्न तैयारियाँ अन्तिम चरण में हैं।जिनके कल 10 दिसम्बर की रात तक पूर्ण हो जाने की उम्मीद है।
स्वामी ईश्वरदास ब्रम्हचारी 'मौनी बाबा' द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक महायज्ञ के लिए मठ को दुल्हन की तरह सजाया गया है।समूचा मठ परिसर केसरिया रंग से पट गया है। श्री वनखण्डी नाथ के भवन व मन्दिर के साथ ही उस पर जाने वाली सीढ़ियों की पुताई भी केसरिया रंग से की गई है।इसी के साथ मठ के पश्चिम तरफ निर्मित बड़ा यज्ञशाला, उसके दक्षिण साइड में परमधाम की झांकी,उस से सटे मौनी बाबा का निर्मित आवास सहित उस के पूरब तरफ अन्त में बने श्री वनखण्डी नाथ के शिष्यों के चरण पादुका भवन इन सभी की पुताई भी केसरिया रंग से ही गई है।जो एक अजीब छटा बिखेर रहे हैं।यही नही मठ की बाहरी दीवालों व प्रवेश द्वार भी केसरिया छटा बिखेर रहे हैं।साथ ही यज्ञ के सफल एवं सुव्यवस्थित संचालन हेतु मठ से सम्बंधित लोगों को अलग अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
उधर महायज्ञ में श्रद्धालुओं की होने वाली भारी भीड़ को दृष्टिगत रख इन्तजामिया कमेटी द्वारा बीच में झांकी से ले कर सरयु नदी के किनारे तक एक बड़ा पण्डाल भी निर्मित कराया जा रहा है।जिस में हजारों लोगों के एक साथ बैठने की व्यवस्था होगी।
सनद रहे कि जिस राजसूय यज्ञ को त्रेता युग के प्रथम चरण में सूर्यवंशी राजा हरिश्चन्द्र ने अयोध्या में,अजात शत्रु महाराज युधिष्ठिर ने द्वापर युग के अन्तिम चरण में खाण्डव प्रस्थ की राजधानी इंद्रप्रस्थ (दिल्ली)में किया था।वही राजसूय महायज्ञ कलियुग के प्रथम चरण में सरयु नदी के पवित्र दक्षिण तटवर्ती ड्हा बिहरा में करा रहे हैं।
रिपोर्ट - जितेन्द्र राय
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